*आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】
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(1)
आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है
ज्ञान को संपूर्णता में , कौन पाया जान है
(2)
जो बता दे गलतियॉं, आकर सुधारे आपको
आभार का वह पात्र है, देव-तुल्य महान है
(3)
गलतियाँ इंसान से, हर रोज ही होती रहीं
गलतियों का एक पुतला, दरअसल इंसान है
(4)
जिंदगी में साधना का, अर्थ इतना ही हुआ
बस सुधारों पर रखा, हमने बराबर ध्यान है
(5)
मैल बर्तन पर लगा जो, एक दिन हट जाएगा
मॉंजने की प्रक्रिया, होती बहुत आसान है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451