Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2016 · 1 min read

आपके होठों पे इक मुस्कान बिखर जाए तो अच्छा

आपके होठों पे इक मुस्कान बिखर जाए तो अच्छा।
इन निगाहों की तक़दीर संवर जाए तो अच्छा।

आपके आने से हमको ये ख़ुशी जो मिली है,
बस इसी से जीवन ही भर जाए तो अच्छा।

मन में कितने ही ज़ख्म संभाले हुए हैं,
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा।

जीवन में जाने कितनों ने हमें बर्बाद किया है,
आपका साथ हो और हम भी उबर जाएं तो अच्छा।

जाने कितने ही बरस अब तक तन्हाई में कटे हैं,
अब कोई आप सा हमसफ़र मिल जाये तो अच्छा।

————– शैंकी भाटिया
सितम्बर 23, 2016

238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
' नये कदम विश्वास के '
' नये कदम विश्वास के '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
हर हाल मे,जिंदा ये रवायत रखना।
हर हाल मे,जिंदा ये रवायत रखना।
पूर्वार्थ
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
दोहा छंद विधान ( दोहा छंद में )
Subhash Singhai
दिनांक:- २४/५/२०२३
दिनांक:- २४/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बचपन,
बचपन, "बूढ़ा " हो गया था,
Nitesh Kumar Srivastava
साहित्य मेरा मन है
साहित्य मेरा मन है
Harminder Kaur
Speciality comes from the new arrival .
Speciality comes from the new arrival .
Sakshi Tripathi
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
चेहरे के भाव
चेहरे के भाव
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
चुनावी युद्ध
चुनावी युद्ध
Anil chobisa
हिंदी - दिवस
हिंदी - दिवस
Ramswaroop Dinkar
"वो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
👍👍
👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शुक्र मनाओ आप
शुक्र मनाओ आप
शेखर सिंह
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
शुम प्रभात मित्रो !
शुम प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
3208.*पूर्णिका*
3208.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
जीवन एक मैराथन है ।
जीवन एक मैराथन है ।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता।
शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कौशल कविता का - कविता
कौशल कविता का - कविता
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
फूल ही फूल
फूल ही फूल
shabina. Naaz
Loading...