आन मिल जाओ सजना
****** आन मिल जाओ सजना ********
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दो कदम ही सही दौड़े चले आओ सजना,
आये हैं तेरे दर पर आन मिल जाओ सजना।
बेला चली आई है प्यारी प्रेम निझावन की,
आग लगी चितवन में साजन रिझावन की,
रुत है मिलन की अब मत तड़पाओ सजना।
आये हैं तेरे दर पर आन मिल जाओ सजना।
बाली उमरिया में रोग लग गया है प्यार का,
जाने कब होगा दर्शन सोहणे प्यारे यार का,
बादल दीदार के तन – मन बरसाओ सजना।
आये हैं तेरे दर पर आन मिल जाओ सजना।
मनसीरत मन में बजती रहती हैं पायलिया,
बांहों मैं झूले कभी तो झुलाओगे सांवरिया,
तज दो हया करो बयां मत शरमाओ सजना।
आये हैं तेरे दर पर आन मिल जाओ सजना।
दो कदम ही सही दौड़े चले आओ सजना,
आये हैं तेरे दर पर आन मिल जाओ सजना।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)