आना ओ नोनी के दाई
कस ओ नोनी के दाई
काबर इतरावत हस
आगु पाछु ल देखत
झाड़ी म लुकावत हस
कोन तोला का किहिस
काकर तोला डर हे
दुख पीड़ा ल गोठिया
सुनसान हमर घर हे
अपन मन के गोठ ल
दिल मा छुपावत हस
काकर तोला डर हे
झाड़ी म लुकावत हस
आना ओ नोनी के दाई
काबर इतरावत हस
नागर बैला धरके मैहा
जाहुं खेत खार
बासी पेज धरके आबे
छोलबे मेड़ पार
झुरमुट मां जाके तैहा
काबर लुकावत हस
अपन मन के गोठ ला
दिल मा छुपावत हस
साफ सुथरा गोठियावच नहीं
दिल के बात बतावच नहीं
मुचुर मुचुर मुच मुचावत हस
फुसुर फुसुर फुस फुसावत हस
आना ओ नोनी के दाई
काबर लुकावत हस
अपन मन के गोठ ला
दिल मा छुपावत हस
एक हाथ मां नागर अऊ
एक हाथ मां तुतारी हे
चल दोनों मिल सेवा बजाबो
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
छनभर के नखरा मा तै
काबर भुलावत हस
आना ओ नोनी के दाई
काबर लुकावत हस
डां विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग