आनन्द का आनंद
वो जिन्दादिल फनकार हमसे दूर कितने हो गया
आनन्द का आनंद अनुराग सफर में खो गया
आखिर क्यूँ इस तरह बावर्ची हुआ अजनबी
वीरान हुआ प्रेमनगर छा गई खामोशी
हर अंदाज था उसका जुदा शाहजादा थी उसकी जिंदगी
यादें हैं अमरप्रेम आराधना प्रेमकहानी
फिर नमकहराम का वो चंदर याद आ गया
अवतार अम्रत स्वर्ग का अदाकार दिल तड़पा गया
उसकी यादें आके छोड़ जाती हैं इक खालीपन
नफरत की दुनियाँ को छोड़ ऐ मेरे दोस्त कहाँ चला गया
(स्वरचित मौलिक रचना)
M.Tiwari”Ayan”