मुस्कुराता बहुत हूं।
यूं कस के मेरा हाथ थामे रखना
क्योंकि मैं लड़खड़ाता बहुत हूं।
खुद ही पूछ लेना सबकुछ मुझसे,
क्योंकि मैं सबसे छुपाता बहुत हूं।
रूठने पे मुझको मना लेना तुम
रूठता हूं तो, रूठ जाता बहुत हूं
सबके सामने तो बहुत बोलता हूं,
तुम्हारे सामने हकलाता बहुत हूं।
जो भी कहना हो कह लेना मुझसे
सामने तुम्हारे मैं शर्माता बहुत हूं।
बिना पूछे ही जान लेना हालात मेरे,
क्यूंकि ऐसे तो मै मुस्कुराता बहुत हूं।
©अभिषेक पाण्डेय अभि