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8 Jan 2021 · 1 min read

आध्यात्मिक गंगा स्नान

किसी मुद्रा में रहना आसन
किसी मुद्रा में सुख से बैठना सुखासन
व्यग्र बेचैन हैरान-परेशान दुखासन
अधिकारों के साथ पद पर बैठना
सत्ता और शासन, सरल भाषा में कहें तो सिंहासन
जिन बातों से मन, परम पुरुष की तरफ जाए श्रवण
जो सोच परम प्रकाश की ओर ले जाए, मनन चिंतन
जड़ से चेतन की ओर ले जाए निदिध्यासन
मनन चिंतन की गई बातें निरंतर ध्यान
सही मायनों में बुद्धिमान
ज्ञानेंद्रियों से सद ज्ञान
कर्मेंद्रियों से सद कर्म महान
यही तो है आध्यात्मिक साधना की पहचान
पवित्र मन, पवित्र भावना, पवित्र ध्यान
यही तो है असल गंगा स्नान।।

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
6 Likes · 6 Comments · 455 Views
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