आधुनिक होली
?आधुनिक होली?
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया,
मांस मदिरा पर भईल बा मार ऐ भईया।
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।
दूध दही पूरी पकवान; पर बाटे ना केहू के ध्यान,
मांस और मदिरा में बसता,अब सबकर प्रान।
परिवर्तन भईल अब लोग के विचार ऐ भईया,
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।
केहु गुलाल लगावेला;त केहु मारे खातिर धावेला,
रंग पड़ गईल अगर केहू के;त उ मने-मन गरिआवेला।
पहिले के जईसन लोगवन में;नईख प्यार ऐ भईया,
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।
पहले के होली में प्यार रहे; आदर सम्मान सत्कार रहे,
लगाकर गुलाल माथे पे;छुअत चरण कई बार रहे।
उ मान-मर्याद भईल सब बेकार ऐ भईया,
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।
आपका अनुज?
✍️प्रजापति कमलेश “बाबू ”
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