आधुनिक सिया बनो
आधुनिक सिया बनो ,
ये सतयुग नहीं, कलयुग है
अग्निपरीक्षा जो कोई नारी तुझसे मांगे देने से अब इंकार करो
सिया बनकर अवश्य रहो
पर किसी के भरोसे ना रहो
आधुनिक सिया बनो ,
ये सतयुग नहीं, कलयुग है
साधु के रूप में रावण का वेश धारण कर
नारी के अस्मिता को जो हानि पहुंचाना चाहे,
नारी का एक रूप काली भी है
ये भी बतलाना सीखो
आधुनिक सिया बनो ,
ये सतयुग नहीं, कलयुग है
आने वाली पीढ़ी के लिए
नारी की परिभाषा बदलनी होगी
उसकी अपनी सोच ,अपने अधिकार है
ये मिशाल भी कायम करनी होगी
आधुनिक सिया बनो ,
ये सतयुग नहीं, कलयुग है
घर की चार दीवारों से निकलकर
अपनी पहचान बनाना सीखो
आश्रित मत रहो किसी पर
स्वाधीनता से जीना सीखो
आधुनिक सिया बनो ,
ये सतयुग नहीं, कलयुग है