आधुनिकता
आधुनिकता की बीमारी ने इस तरह जकड़ लिया है।
एक हाथ में मोबाइल और एक में रिमोट पकड़ लिया है।।
दोनों अंगूठे बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।
एक मोबाइल के और एक रिमोट के बटन दबा रहे हैं।।
जिंदगी में इंसान अब उल्लू सरीखे से हो गए हैं।
सारी रात जागते हैं और बारह बजे तक सो रहे हैं।।
सुबह की कसरत अब दोपहर में कर रहे हैं।
नौ बजे करने वाला नाश्ता तीन बजे कर रहे हैं।।
व्यापार अब लाला नही नौकर चला रहे हैं।
एक रुपये के लाभ को पचास पैसा बता रहे हैं।।
लालाओं और नोकरों दोनों का पेट बढ़ रहा है।
एक का लापरवाही से और एक का बेईमानी से बढ़ रहा है।।