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13 Apr 2022 · 1 min read

आदमी भटक जाता है

मन भले ही दुख दर्द में अटक जाता है
ख्वाब! ख़्वाब है जो दूर तलक जाता है
हालात खराब हों तब भी ख़्वाब नहीं
डगमगाते
फिर आदमी न जाने क्यों भटक जाता है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
122 Views
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