आदमी की जिंदगी
आदमी की जिंदगी, तोहफा हंसीन है
खुशी और गमों की, पुख्ता जमीन है
कभी खट्टी कभी मीठी, बे रंग रंगीन है
वख्शीस है खुदा की, पक्का यकीन है
सांसों की है डोरी,धागा महीन है
ये जिंदगी भी या रब, तेरे अधीन है
कभी फूल कभी शूल , दोनों कुबूल है
हर हाल में मैं खुश हूं, जो दे रसूल है।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी