आत्मीय वंदना
दुआ है इतनी भगवान से
हंसते हंसते जाये इस जहान से
दुआ….
एक पूजा अपने को अर्पित कर लूं
कुछ खुशियां आंचल में भर लूं
कुछ तारे तोड़ लूं आसमान से
दुआ……
जिद छोड़ दो ये जींदगी है
आत्मा ही परमात्मा की बंदगी है
बना खूबसूरत कली उतारा गया बागान से
दुआ…..
हंसते हंसते…….