आत्मिक कष्ट
आज किस पर, किस पर लिखू मै कविता…….
किसी माँ की कोख मे पल रही बच्ची पर,
या 7 साल मे सजा देने वाली न्याय व्यवस्था पर //
झूठे वादे कर सत्ता मे आसीन सरकार पर,
या मासूमों के साथ हो रहे अत्याचार पर //
तेजी से गिर रही GDP पर या हमारी अर्थव्यवस्था पर,
या फिर गर्व करू हमारे देश की उखड़ी हुई सड़को पर //
आज मेरे देश मे हो रहे दंगे से माँ भारती भी शर्मिंदा होगी,
हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को तोड़ने वालों…
क्या अब भी तुम्हारी आत्मा नहीं रोइ होगी //