“आत्मा की वीणा”
“आत्मा की वीणा”
मानव शरीर तो
आत्मा की वीणा है,
उसके तारों में
मधुर संगीत या
स्वरहीन कोलाहल भरना
इंसान के हाथों में है.
“आत्मा की वीणा”
मानव शरीर तो
आत्मा की वीणा है,
उसके तारों में
मधुर संगीत या
स्वरहीन कोलाहल भरना
इंसान के हाथों में है.