#कुंडलिया//आत्मा की पुकार सुनो
चंचलता मन दे सदा , आत्मा दे संस्कार।
मन पर काबू कीजिए , खुशियाँ मिलें अपार।।
खुशियाँ मिलें अपार , प्रेम ही जग में फैले।
रोग दोष सब दूर , मिटेंगे सभी झमेले।
सुन प्रीतम की बात , रूप ले लोहा गलता।
पर माया का ताज , दिलाती ये चंचलता।
#आर.एस. ‘प्रीतम’