Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2021 · 1 min read

आत्मशक्ति

आत्मशक्ति

पाना चाहता हूं मैं यह अनंत विस्तार
भटकूं क्यों बनाकर तृष्णाओं को आधार।
जानता हूं चाहती हो तुम घोंसला इक बहाना
परंतु मैं तो चाहता हूं, उड़ता रहूं उन्मुक्त समस्त आकाश।
नाम तुमने दिया इस ठहराव को प्रेम का
परंतु समय जितना शेष है, काफी नहीं इतना
कि कुछ क्षण रुक जाऊं, सिमट जाऊं
क्योंकि पाना चाहता हूं मैं यह सम्पूर्ण फैलाव।
संघर्ष मेरे अभी भी शेष हैं
आशा और विश्वास नहीं हुए अवशेष हैं
बंध जाऊं, बिताऊं अगर बिना मकसद यह जिंदगी
तो सोचा है अंत में क्या होगी मेरी परिणती।
मानव जीवन में जो निमित्त है
मेरा जीवन नहीं इतना सीमित है।
नाम चाहे तुम दो इसको विरक्ति
परंतु क्या रोक पाओगी मुझे पाने से आत्मशक्ति।
फिर भी चाहती हो यदि तुम मुझे पाना
कुछ दूर तुम मेरे साथ आना
छोड़ कर सभी क्षणभंगुर तृष्णाओं का साथ
इस जीवन मंथन में तुम देना मेरा साथ।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हार मैं मानू नहीं
हार मैं मानू नहीं
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपना नैनीताल...
अपना नैनीताल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिन्दी दोहे- चांदी
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उम्र अपना
उम्र अपना
Dr fauzia Naseem shad
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
.
.
*प्रणय*
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सनद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
कवि रमेशराज
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
*आदर्श युवा की पहचान*
*आदर्श युवा की पहचान*
Dushyant Kumar
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कि दे दो हमें मोदी जी
कि दे दो हमें मोदी जी
Jatashankar Prajapati
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
पूर्वार्थ
बच्चों  का कोना  सिमट गया है।
बच्चों का कोना सिमट गया है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
हमें बुद्धिमान के जगह प्रेमी होना चाहिए, प्रेमी होना हमारे अ
Ravikesh Jha
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल _ हाले दिल भी खता नहीं होता ।
ग़ज़ल _ हाले दिल भी खता नहीं होता ।
Neelofar Khan
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಗೀಚಕಿ
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
3. कुपमंडक
3. कुपमंडक
Rajeev Dutta
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
जज्बे से मिली जीत की राह....
जज्बे से मिली जीत की राह....
Nasib Sabharwal
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
Loading...