आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
मानवता को बड़ा खतरा बन गया है
अमानवीयता की सारी सीमाएं टूट गईं हैं
धर्म की मर्यादाएं पीछे छूट गईं हैं
स्त्री बच्चों की हत्याएं, बलात्कार और यातनाएं?
धर्म के नाम पर अधर्म, शैतानों से कर्म?
आखिर क्यों इंसानों का खून, धर्म के नाम पर बहाया जा रहा है
इसमें धर्म और इंसानियत का क्या भला हो रहा
आखिर इंसान क्यों, इंसानियत खो रहा है?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी