Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

आतंकवाद पर दोहे

आतंकी को मारकर, देना उन्हें जलाय।
तब ही मरने से डरे, सबसे सही उपाय।1।

सत्य सत्य पहचानना, आतंकी की जात।
कोई इनकी जात नहि, नहि कोई औकात।2।

दानवता मानव कहे, उनको दानव जान।
मानवता आतंक को, लेते जो है मान।3।

जहर लिये मन में फिरे, पाने को सौगात।
दुनिया सारी जानती, क्या तेरी औकात?4?

मौत वरण कर सुखद  ही, मरो नहीं बेमौत।
जीवन जो अनमोल है, काहे नाहक खोत।5।

माना इस संसार में, भांति भांति के भेद।
मानवता की थाल में, जो करते हैं छेद।6।

फिर भी अपनी बात को, करो पटल पर पुष्ट।
बिना पटल पर पुष्ट के, हो मत जाना तुष्ट।7।

पढ़ो लिखो भाई मेरे, तब जानो अधिकार।
कोई बहका नहि सके, तब जीतो संसार।8।

परदे के पीछे छिपा, शातिर बैठा एक।
उसकी मन्सा जान लो, तब बन पाओ नेक।9।

Language: Hindi
2 Likes · 7912 Views

You may also like these posts

*छतरी (बाल कविता)*
*छतरी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
साल के आख़िरी किनारे पर
साल के आख़िरी किनारे पर
SATPAL CHAUHAN
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
How to keep a relationship:
How to keep a relationship:
पूर्वार्थ
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
Pratibha Pandey
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दिल बचपन
दिल बचपन
Ashwini sharma
गम ऐ जोन्दगी
गम ऐ जोन्दगी
Ram Babu Mandal
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
साहित्य गौरव
''जरूरी है ''
''जरूरी है ''
Ladduu1023 ladduuuuu
फर्क
फर्क
ओनिका सेतिया 'अनु '
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
मनोज कर्ण
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
आज का दिन
आज का दिन
Punam Pande
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
कौन है ऐसा चेहरा यहाँ पर
कौन है ऐसा चेहरा यहाँ पर
gurudeenverma198
पाँव फिर से जी उठे हैं
पाँव फिर से जी उठे हैं
Sanjay Narayan
कुछ परिंदें।
कुछ परिंदें।
Taj Mohammad
बच्चे
बच्चे
Kanchan Khanna
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
आनन्द मिश्र
*हिंदी तो मेरे मन में है*
*हिंदी तो मेरे मन में है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
Abhishek Soni
द्रौपदी की व्यथा
द्रौपदी की व्यथा
Shweta Soni
मां की दुआओं का असर
मां की दुआओं का असर
डॉ. एकान्त नेगी
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए।
कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए।
Kumar Kalhans
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...