आठवीं वर्षगांठ
*आओ मिलकर आज मनाएं
‘साहित्य पीडिया’ का जन्म दिन
आठवीं बार आया है शुभ दिन
शताब्दी वर्ष भी इसकी मनाएं।
केक काटे, मोमबत्ती जलाएं
खुश होकर ताली भी बजाएं
अखंड दीप बनकर जलता रहे
केक खाएं, सभी को खिलाएं।
साहित्य -कलश को मिलकर भरें
कथा -कहानी -कविता से इसे भरें
नई -नई विधाओं से इसे सजाएं
नए – नए कवि-कथाकार बनाएं।
साहित्य- पीडिया अवसर देता है
बदले में यह कुछ भी नहीं लेता है
किताबें छपती है, आगे बढ़ती है
खुशी से आठवीं साल गिरह मनाएं
आओ मिलकर आज मनाएं
साहित्य-पीडिया का जन्म दिन।
आठवीं वर्ष गांठ इसकी मनाएं
शताब्दी वर्ष भी इसकी मनाएं।*
†*************************************: स्वरचित: घनश्याम पोद्दार
मुंगेर