Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

आठवीं वर्षगांठ

*आओ मिलकर आज मनाएं
‘साहित्य पीडिया’ का जन्म दिन
आठवीं बार आया है शुभ दिन
शताब्दी वर्ष भी इसकी मनाएं।

केक काटे, मोमबत्ती जलाएं
खुश होकर ताली भी बजाएं
अखंड दीप बनकर जलता रहे
केक खाएं, सभी को खिलाएं।

साहित्य -कलश को मिलकर भरें
कथा -कहानी -कविता से इसे भरें
नई -नई विधाओं से इसे सजाएं
नए – नए कवि-कथाकार बनाएं।

साहित्य- पीडिया अवसर देता है
बदले में यह कुछ भी नहीं लेता है
किताबें छपती है, आगे बढ़ती है
खुशी से आठवीं साल गिरह मनाएं

आओ मिलकर आज मनाएं
साहित्य-पीडिया का जन्म दिन।
आठवीं वर्ष गांठ इसकी मनाएं
शताब्दी वर्ष भी इसकी मनाएं।*
†*************************************: स्वरचित: घनश्याम पोद्दार
मुंगेर

Language: Hindi
76 Views
Books from Ghanshyam Poddar
View all

You may also like these posts

राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)
राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
तेरी सूरत में मोहब्बत की झलक है ऐसी ,
तेरी सूरत में मोहब्बत की झलक है ऐसी ,
Phool gufran
गरीबी के मार,बीवी के ताने
गरीबी के मार,बीवी के ताने
Ranjeet kumar patre
क्या कहूं अपने बारे में अब बस, दुश्मन सा ही लगता हूं लेकिन ।
क्या कहूं अपने बारे में अब बस, दुश्मन सा ही लगता हूं लेकिन ।
Ashwini sharma
जवानी
जवानी
अखिलेश 'अखिल'
बायण बायण म्है करूं, बायण  म्हारी  मात।
बायण बायण म्है करूं, बायण म्हारी मात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बेवजहा
बेवजहा
Swami Ganganiya
2756. *पूर्णिका*
2756. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
सत्य कुमार प्रेमी
किसी अनजाने पथ पर भय जरूर होता है,
किसी अनजाने पथ पर भय जरूर होता है,
Ajit Kumar "Karn"
-शेखर सिंह ✍️
-शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
🌷*
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
Shashi kala vyas
कहीं भी
कहीं भी
Shweta Soni
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
डॉक्टर रागिनी
मोहन का परिवार
मोहन का परिवार
जय लगन कुमार हैप्पी
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*भटकाव*
*भटकाव*
Priyank Upadhyay
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
आज, नदी क्यों इतना उदास है.....?
VEDANTA PATEL
शे
शे
*प्रणय*
छुट्टी चन्दा मामा के घर
छुट्टी चन्दा मामा के घर
Dr Archana Gupta
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
बिटिया और धरती
बिटिया और धरती
Surinder blackpen
**जिंदगी रेत का ढेर है**
**जिंदगी रेत का ढेर है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अमृता प्रीतम
अमृता प्रीतम
Dr fauzia Naseem shad
सिंपल सी
सिंपल सी
Deepali Kalra
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
जगदाधार सत्य
जगदाधार सत्य
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं
तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं
Jyoti Roshni
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
हमारी प्यारी मां को जन्म दिन की बधाई ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...