आज हिंदी भाषा की दशा –आर के रस्तोगी
भाषाओ की डारि पर,हिंदी फल की कैसी चाहत हैं
जब छोटे से पौधे को,इंगलिश खाद दी जावत है
उत्तर से लेकर दक्षिण तक,केवल भाषा ही एक अदावट है
कोई हिंदी को बोलन चाहत है,कोई तमिल बोलन चाहत है
हिंदी का कैसे विकास होगा,जब इसको हीन द्रष्टि से देखत जावत है
जब बड़े नेता अपने बच्चो को,इंगलिश स्कूल में ही प्रवेश दिलावत है
इंगलिश माध्यम स्कूलों में प्रवेश दिलाकर सब शान दिखावत है
इसलिए हिंदी माध्यम स्कूलों में प्रेवेशो में काफी बड़ी गिरावट है
हिंदी भाषा को हीन समझ कर,कोई नहीं बोलन चाहत है
अंग्रेजी भाषा को गर्व समझ कर,उसको बोलन चाहत है
चलता रहा ऐसे कुछ हिंदी भाषा में आयेगी काफी गिरावट है
कैसे इसका प्रसार करेगे अब,इसकी सोचने की अब जरूरत है
साल में इसका एक दिवस मनाये,ये ही हिंदी की एक हिमाकत है
दिन प्रति दिन हिंदी का उपयोग करे,बनाओ इसको एक आदत है
आर के रस्तोगी