आज भी सँभाल रक्खा है(रूमाल, इश्क़)
छुआ था उसने
इक बार रुमाल
आज भी
सँभाल रक्खा है
इश्क़ होता है
ब-ख़ुदा कमाल
आज भी
सँभाल रक्खा है
उस इक
हादसे ने
मेरी ज़िंदगी ही
बदल दी
तुमको है मालूम ?
था कौन सा वो साल ?
आज भी
सँभाल रक्खा है
मोहब्बत वो
मुझसे करती थी
ना करती थी
ख़ुदा जाने
जिस तरह पूछती
वो मेरा हाल
आज भी
सँभाल रक्खा है
#हनीफ़_शिकोहाबादी ✍️