आज बुलाऊ में
?वापस आजा में बुलाऊ?
रूठे रूठे यार मनाऊ,,,
लिखू कविता उसे सुनाऊ,,,
दिल की धड़कन वो बनजाये,,,
में उस की तड़पन बनजाऊ,,,
बेचैनी बेताबी का आलम,,,
कदम सम्भालो में समझाऊ,,,
दूर दूर होने में क्या है,,,
चूर चूर न में हो जाऊ,,,
तेरी बातो का ही असर,,,
मत रूठो में न खो जाऊ,,,
मनु पुकारे आभी जाओ,,,
कही बहुत दूर में निकल जाऊ,,,
मानक लाल मनु?
सरस्वती साहित्य परिषद?