आज फिर तेरी याद
आज फिर तेरी याद ने रुला दिया
तेरे बिन सुनी है राहें ये एहसास करा दिया
पल दो पल की खुशियां थी तुझसे जुड़ी
फिर क्यों वक्त ने तन्हा हमको बना दिया।।
“कविता चौहान”
आज फिर तेरी याद ने रुला दिया
तेरे बिन सुनी है राहें ये एहसास करा दिया
पल दो पल की खुशियां थी तुझसे जुड़ी
फिर क्यों वक्त ने तन्हा हमको बना दिया।।
“कविता चौहान”