आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने – संदीप ठाकुर
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने
मैंने दिल की किताब के पन्ने
वक़्त ने देख मोड़ रक्खे हैं
तेरे हुस्नो शबाब के पन्ने
संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने
मैंने दिल की किताब के पन्ने
वक़्त ने देख मोड़ रक्खे हैं
तेरे हुस्नो शबाब के पन्ने
संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur