Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2019 · 1 min read

#ग़ज़ल-11

आज दीवाना हुआ हूँ देखिए क्या इश्क़ है
चाँद-सा देखूँ तुझे तो दिल बनाता अक्स है/1

रूप की किरणें मिली हैं रूह तब से ही खिली
नूर-से तन मन लिया है हाल में दिल दक्ष है/2

मौज़ मस्ती की अदाएँ प्यार बरसाती लगें
देख मुझको ये निग़ाहें एक मेरा पक्ष है/3

बोल मीठे हैं लुभाते शोखियाँ क़ातिल बड़ी
जो इशारे आँख करती देखना वो लक्ष है/4

–आर.एस.प्रीतम

2 Likes · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
सब समझें पर्व का मर्म
सब समझें पर्व का मर्म
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अजीब बात है
अजीब बात है
umesh mehra
पुनर्जन्म का सत्याधार
पुनर्जन्म का सत्याधार
Shyam Sundar Subramanian
पैसा और ज़रूरत
पैसा और ज़रूरत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
न छीनो मुझसे मेरे गम
न छीनो मुझसे मेरे गम
Mahesh Tiwari 'Ayan'
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"विस्तार"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
जय माँ दुर्गा देवी,मैया जय अंबे देवी...
जय माँ दुर्गा देवी,मैया जय अंबे देवी...
Harminder Kaur
माँ मेरी जादूगर थी,
माँ मेरी जादूगर थी,
Shweta Soni
अर्जक
अर्जक
Mahender Singh
जितना तुझे लिखा गया , पढ़ा गया
जितना तुझे लिखा गया , पढ़ा गया
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- अपनो का स्वार्थीपन -
- अपनो का स्वार्थीपन -
bharat gehlot
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कैद अधरों मुस्कान है
कैद अधरों मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
जीवन में सुख-चैन के,
जीवन में सुख-चैन के,
sushil sarna
#लघु_कविता
#लघु_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
*चंदा मॉंगो शान से, झाड़ो बढ़िया ज्ञान (कुंडलिया)*
*चंदा मॉंगो शान से, झाड़ो बढ़िया ज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भरत
भरत
Sanjay ' शून्य'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
Atul "Krishn"
मन राम हो जाना ( 2 of 25 )
मन राम हो जाना ( 2 of 25 )
Kshma Urmila
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
कभी कभी चाहती हूँ
कभी कभी चाहती हूँ
ruby kumari
भूल जा इस ज़माने को
भूल जा इस ज़माने को
Surinder blackpen
Loading...