Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी

आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी…..☺️☺️☺️
आज ऑफिस में काम करते हुए …
थोड़ा कमर में दर्द हो गया या ये
कहे कि मोच आ गई….
तो आफिस से सीधा मुझे स्टाफ के साथ
डॉ. के जाना पड़ा…
औऱ उन्होंने सलाह दी कि
झुकना नहीं…. 😊☺️☺️
तो मेरी हँसी ही नहीं रुकी..😊😊😊😊
क्योंकि हमें बचपन से सिखाया जाता है कि
तुम लड़की हो और तुम्हे हमेशा ही झुकना
आना चाहिए….
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
झुकना नहीं…..

Language: Hindi
1 Like · 106 Views

You may also like these posts

मोहब्बत कि बाते
मोहब्बत कि बाते
Rituraj shivem verma
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
शेखर सिंह
कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में,
कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2514.पूर्णिका
2514.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मलता रहा हाथ बेचारा
मलता रहा हाथ बेचारा
manorath maharaj
'सशक्त नारी'
'सशक्त नारी'
Godambari Negi
गंगा मैया
गंगा मैया
Kumud Srivastava
अपने बच्चे की रक्षा हित,
अपने बच्चे की रक्षा हित,
rubichetanshukla 781
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
*प्रणय*
दिल की बातें
दिल की बातें
Ritu Asooja
मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
Shweta Soni
इन हसीन वादियों में _ गुजर गए कितने ही साल ।
इन हसीन वादियों में _ गुजर गए कितने ही साल ।
Rajesh vyas
माँ
माँ
Dr.Archannaa Mishraa
तुम में एहसास
तुम में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
काल  अटल संसार में,
काल अटल संसार में,
sushil sarna
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत  का नही है ज्य
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत का नही है ज्य
पूर्वार्थ
नारी चेतना का वैश्विक फलक
नारी चेतना का वैश्विक फलक
Sudhir srivastava
सहूलियत
सहूलियत
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Santosh kumar Miri
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Nitesh Shah
उसके दिल में आया तो दिन में रात कर देगा
उसके दिल में आया तो दिन में रात कर देगा
Jyoti Roshni
" इश्तिहार "
Dr. Kishan tandon kranti
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल (ज़िंदगी)
ग़ज़ल (ज़िंदगी)
डॉक्टर रागिनी
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
Ajit Kumar "Karn"
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...