-: आज की सियासत :-
सारा भारत गूंज रहा है ,
राष्ट्रवाद के नारों से
मन्दिर मुद्दा खो गया है ,
यूपी के गलियारों से
ऐ भारत के वीर शहीदों ,
हम आज बहुत शर्मिंदा हैं
जो आतंकी को “जी” कहते ,
ऐसे आज भी जिंदा है
माँग रहे जो वोट धर्म पर ,
वो बेल पर छूटे हैं
जो दाता का स्वांग रचाते,
असल में उनने लूटे हैं
मैं किसको लिख दूँ घोटाली,
लिख दूँ किसको ईमानदार
किसको अब मालिक लिख दूँ मैं,
सारे बन गए चौकीदार
बस चुनाव तक चौकीदार हैं,
फिर ये लोभीदार बनेंगे
दादी की नाक भी कट जाएगी,
फिर ये बंटाधार करेंगे
कभी जनेऊ धारी बने वो,
कभी मजार पर देखा है
वो गिरजाघर भी जाते हैं,
गुरुद्वारों में भी देखा है
ये सियासत है प्रियवरों ,
सब कुछ करवा देती है
ये चौकीदार बनवा देती,
गठबंधन करवा देती है,
किसी को माला किसी को कंठी
कभी टोपी भी पहनवा देती है