आज की बेटी कल की नारी
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कृष्ण मलिक अम्बाला
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2 Oct 2016 · 1 min read
आज की बेटी कल की नारी
छू रही ऊंचाइयों को
आज की बेटी कल की नारी
तेजी और जिंदादिली से
विकास की राहों को
कर रही सलाम
अपनी मंजिलों की कामयाबी से
संस्कृति का रखना बस ख्याल तुम
जोश में न खो देने होश तुम
यही है बस मेरा कहना
पश्चिमी सभ्यता से बच के
विकृतियों से हट के
सादगी का रखना हमेशा गहना
लड़ो अनपढ़ता से
पढो और आगे बढ़ो प्रगति पथ पर
मर्यादा का पर तुम ध्यान रखना
ओ मेरे देश की नारी
कर ले तू अब तैयारी
हर हाल में भारत का मान रखना
न डरना पाबन्दियों से
रखकर सभी को अपने साथ
अब शक्ति के रूप में है दिखना
सशक्त हो आगे आकर
निर्णय लेने की ताकत पाकर
नया इतिहास है अब तूने रचना