Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2020 · 1 min read

” आज का रावण…. चतुर – चालक “

आज का रावण भी शिक्षित है
आज का रावण अमर्यादित भी
आज का रावण भी अहंकारी
ये सर्वज्ञ जगत को विदित भी ,

लेकिन वो रावण अमर्यादित होकर भी
हमेशा मर्यादा के अंदर रहा
यही बात आज और कल के रावण में
सबसे बड़ा अंतर रहा ,

वो रावण बनना आसान नही है
अपनी विद्वानता से पूजा जा सकता था
पूज्यनीय होकर उसको मुक्ति मिलती कैसे
फिर प्रभु के हाथों वो नही मारा जा सकता था ,

उस रावण को राम नही बनना था
उसे सदा रावण ही रहना था
अपने कृत्यों की सजा पाकर
प्रभु के चरणों में गिरना था ,

आज का रावण हद से ज्यादा अमर्यादित है
हर मर्यादा को तोड़ा उसने
अपने ताक़त के बल पर
किसी को भी नही छोड़ा उसने ,

आज का रावण बनना बड़ा आसान है
ना तप करना ना तपस्या करनी
धन ताक़त के बल पर
हर एक के लिए समस्या करनी ,

आज का रावण बड़ा चतुर – चालक है
चेहरे पर मुखौटा राम का पहन
सबकी आँखों में धूल झोंक
करता है भूतकाल के रावण का दहन ,

आज के रावण को तो कर्म
उस रावण से भी बुरा करना है
बस कैसे भी करके इसको
सबकी नज़रों में राम बने रहना है ,

आज का रावण असली रावण से भी बुरा है
क्योंकि ये तो दोहरा चरित्र जीता है
जहाँ होना चाहिए इसको दहन
वहाँ ये काटता उद्घाटनों का फीता है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 25/10/2020 )

Language: Hindi
261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
‌‌भक्ति में शक्ति
‌‌भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कमला हैरिस ज़िंदाबाद
कमला हैरिस ज़िंदाबाद
*प्रणय*
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अध्यापक:द कुम्भकार
अध्यापक:द कुम्भकार
Satish Srijan
चमन
चमन
Bodhisatva kastooriya
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
DrLakshman Jha Parimal
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
जिन्दगी का संघर्ष
जिन्दगी का संघर्ष
Pramod kumar
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
"कला"
Dr. Kishan tandon kranti
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ज़िंदगी तुझसे
ज़िंदगी तुझसे
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत एक अरसे से जो मैंने तुमसे की
मोहब्बत एक अरसे से जो मैंने तुमसे की
Ankita Patel
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
वो ज़माना कुछ और था जब तस्वीरों में लोग सुंदर नही थे।
वो ज़माना कुछ और था जब तस्वीरों में लोग सुंदर नही थे।
Rj Anand Prajapati
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
3674.💐 *पूर्णिका* 💐
3674.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
1🌹सतत - सृजन🌹
1🌹सतत - सृजन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
पिता
पिता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कविता जीवन का उत्सव है
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुछ पाने के लिए कुछ ना कुछ खोना पड़ता है,
कुछ पाने के लिए कुछ ना कुछ खोना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ଆସନ୍ତୁ ଲଢେଇ କରିବା
ଆସନ୍ତୁ ଲଢେଇ କରିବା
Otteri Selvakumar
तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
Bindesh kumar jha
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
एक तरफ धन की बर्बादी ,
एक तरफ धन की बर्बादी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...