आज कल……… एक सच
शीर्षक – आज कल
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आज कल शब्दों को हम कहां समझते हैं।
आज तो हम सभी मस्त होकर रहते हैं।
कल का नाम हम सभी उम्मीद कहते हैं।
आज तो हम सभी अपनी जिंदगी जीते हैं।
कल के साथ हम सभी अपनी सोच रखते हैं।
सच तो आज हमारे जीवन का रहता हैं।
कल हो न हो यह भी एक सच जानते हैं।
आज कल तो हम बस शब्द समझते हैं।
मन भावों के साथ हम सब आज में जीते हैं।
कल तो आने वाला और बीता भी होता हैं।
आजकल हम सभी बस अपनी सोच रखते हैं।
आओ हम आज के साथ साथ सोच रखते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र