आज आबरू लूटी है जिसकी
लाज बचालो भारत माँ की,
बो सबकी महतारी है l
आज आबरू लूटी है जिसकी,
वो माँ बहन हमारी है ll
भूखे फिरते यहाँ शियासी,
कल तुमरी की बारी है l
लूट जाएगी इक उर इज्जत,
क्या उसकी तैयारी है ll
लाज शर्म को नही ठिकानो,
नंगो की भारमारी है l
हिजड़ा बनकर बनी क्यो बैठी,
ये सरकार हमारी है ll