Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

आजादी

आज़ादी की लिए पताका,
घर-घर अलख जगाये जा।
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्,
बस इसको ही गाए जा।।1।।

देख ज़रा कुछ देश को अपने,
तू मन ही मन मुस्काए जा।
राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र धर्म का ,
अब परचम तू लहराए जा।।2।।

पूण्य धरा की पावन मिट्टी,
इसका तू लाल कहाऐ जा।
अब मातृभूमि की रक्षा हेतु
तू अपना रक्त बहाये जा।।3।।

जो झांके अपने इस घर मे,
तू उसको सबक सिखाये जा।
तुझमे भी साहस अपार है,
ये दुश्मन को दिखलाये जा।।4।।

गर्व करो तुम भारतवासी,
शौर्य को अपने बढ़ाये जा,
विश्व गुरु और विश्व शक्ति बन,
दुनिया को पाठ पढ़ाये जा।।5।।

स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार

Language: Hindi
1 Like · 71 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"जुगाड़ तकनीकी"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
Shashi kala vyas
डरने कि क्या बात
डरने कि क्या बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
मेरे होंठों पर
मेरे होंठों पर
Surinder blackpen
मित्र कौन है??
मित्र कौन है??
Ankita Patel
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
परमेश्वर दूत पैगम्बर💐🙏
परमेश्वर दूत पैगम्बर💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मजहब
मजहब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
लाख कोशिश की थी अपने
लाख कोशिश की थी अपने
'अशांत' शेखर
■ थोथे नेता, थोथे वादे।।
■ थोथे नेता, थोथे वादे।।
*Author प्रणय प्रभात*
3202.*पूर्णिका*
3202.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम
प्रेम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
एक दिन का बचपन
एक दिन का बचपन
Kanchan Khanna
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
बुक समीक्षा
बुक समीक्षा
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
कोई शाम आयेगी मेरे हिस्से
कोई शाम आयेगी मेरे हिस्से
Amit Pandey
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
manjula chauhan
टूटे न जब तक
टूटे न जब तक
Dr fauzia Naseem shad
* बिखर रही है चान्दनी *
* बिखर रही है चान्दनी *
surenderpal vaidya
"Do You Know"
शेखर सिंह
बुद्धिमान हर बात पर, पूछें कई सवाल
बुद्धिमान हर बात पर, पूछें कई सवाल
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सरस रंग
सरस रंग
Punam Pande
Loading...