********* आजादी की कीमत **********
********* आजादी की कीमत **********
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शहीदों ने खूब खेली लाल लहू से होली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
वीरों ने था जंग लड़ा लाल लहू फौलाद हुआ,
मरते दम तक डटे रहे तभी देश आजाद हुआ,
फिरंगियों से खूब लड़ी रणवीरों की टोली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
बच्चा,बूढा और जवान देश पर क़ुरबान हुआ,
रण में था रक्त बहा हद बेहद बलिदान हुआ,
कुरबानी के बल पर मुक्ति से भरी झौली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
रंग दे बंसती चोला ये भगत सिंह ने गाया था,
गोरों की हद में विद्रोह का बिगुल बजाया था,
देश मेरा आजाद करो ऐसी बोली बोली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
कण-कण में शहीद हुए आजादी के दीवानें,
देश की खातिर मर मिटे वो देशभक्त परवाने,
एकता की ताकत जन गण मन मे घोली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
मनसीरत लहू शहीदों का आखिर रंग लाया,
लाल किले की चोटी पर था तिरंगा फहराया,
अंग्रेजी हुकूमत की सीने पर खाई गोली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
शहीदों ने खूब खेली लाल लहू से होली थी।
आजादी की कीमत खून के बदले तौली थी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)