आजकल
1बन्द हैं अलमारी में
खा रही हैं दीमकें।
बहुत उदास हैं किताबें
उन्हें उठाता नहीं कोई।
2नाना नानी दादा दादी
मम्मी भी और पापा भी
सभी व्यस्त मोबाइल में
कहानी सुनाता नहीं कोई।
3 बाजारों में घूमते हैं
मॉल में बुतों को घूरते हैं
अपनों के संग छुट्टी
अब बिताता नहीं कोई।
4फिक्स हो गईं तारीखें
वार और त्योहार भी
बे वजह माँ बाप से मिलने
जाता नहीं कोई।
5प्यार करते हैं तो जताते हैं
स्टेटस में फ़ोटो लगाते हैं
वैसे… दिल से बुजुर्गों से
निभाता नहीं कोई।
6 एक नन्हें से वायरस ने
सबको जीना सिखा दिया।
पैसा शोहरत दोस्त अपने
काम आता नहीं कोई।
7डर लगता है आजकल
आबो हवा से भी।
गले लगाना दूर
हाथ मिलाता नहीं कोई।
धीरजा शर्मा