” आग “
” आग ”
धर्म के ठेकेदारों को देखो ना
खोलते हैं जब भी जुबां अपनी
दिल के अन्दर आग लगा देते हैं,
हुस्न वालों की भी ना पूछो
जब भी तैरते हैं तो
समन्दर में आग लगा देते हैं।
” आग ”
धर्म के ठेकेदारों को देखो ना
खोलते हैं जब भी जुबां अपनी
दिल के अन्दर आग लगा देते हैं,
हुस्न वालों की भी ना पूछो
जब भी तैरते हैं तो
समन्दर में आग लगा देते हैं।