आखिर कौन हूँ मैं ???
आखिर कौन हूँ मैं ???
कितने नकाब ओढ़ रखे है मैंने
हर पल बदलता रहता हूँ—
मै हर क्षण बदलने वाला व्यक्तित्व हूँ
मेरा रूप हर क्षण बदलता रहता है —
कभी हिम्मती निडर हूँ तो ,
कभी सहमा हुआ,
डरी हुई, आवाज हूँ —
कभी महत्वहीन हूँ ,
कभी समर्पित हूँ —
तो,कभी इशारों पर चलने वाला कठपुतली !
मेरे विविध रूप है —
कभी उग्र और आवेगयुक्त विचलित बहता हवा सा हूँ—तो —
कभी ठंडी निर्मल धारा–
कभी मन की उथल -पुथल से विचलित हूँ ,तो
कभी जिम्मेवारी ढ़ोने वाला काया !
कभी उत्साह-उमंगयुक्त हूँ तो ,
कभी शांत चुपचाप सा,
कभी बन जाता हूँ अच्छा, कभी बुरा सा
आखिर कौन हूँ मैं ???