आकाश दीप – (6 of 25 )
आकाश दीप – ( 6 of 25 )
कितने प्यार से
हवा के झोखे तुम्हें
हाथों हाथ लेते हैं …
और तुम बड़ी सहजता से
किरनो की बग्घी में सवार
अमावस के तमस को
धकेलते हुए से …
अपनी क्षमता की ऊँचाईयों तक
तय करते हो सफर
खुद के मिट जाने तक ….
अपने अंतिम सफर तक ,
खुद में रोशनी ज़िन्दा रखने का ,
जसबा तो सच में ,
कोई तुम ही से सीखे ……
तुम मुझे बहुत पसंद हो , ,
प्यारे से ‘ आकाश दीप ‘
…… शुभ दीपावली
_ क्षमा ऊर्मिला