आओ होली मनाएँ
आओ होली मनाएँ
होली के रंगों के साथ खेलकर,
आज सारे गम भुलाएँ।
हँसी खुशी इस मर्तबा,
प्रेम- सदभावना का त्यौहार मनाएँ।।
हरा पीला नीला और,
लाल गुलाल लगाएँ।
फाल्गुन की पूर्णिमा को,
शोभायामान बनाएँ।।
है किसी से गर शिकवे-गिले,
आज आपसी बैर मिटाएँ।
रंगकर प्रेम भाव से,
रंगों में सराबोर हो जाएँ।।
होलिका दहन कर,
प्रभु के भी गुण गाएँ।
बुराई के आगे अच्छाई की जीत का,
आओ जश्न मनाएँ।।
खूनी होली का त्याग कर,
इस कलयुग को सतयुग बनाएँ।
डूबकर मौज मस्ती के त्यौहार में,
आओ होली मनाएँ।।
सुशील भारती, नित्थर, कुल्लू (हि.प्र.)