Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

आओ लौट चले

आओ लौट चले,
उन सुख से भरी वादियों में,
खेतो की छोटी छोटी सी क्यारियों में ।
बचपन की नादान किलकारियों में,
रेत में नन्हे हाथो से बनी लकीरो में ।।
त्यौहार पर बनी मिठाई,
को पाने की तरक़ीबो में ।
दिवाली पर जी भर के,
पटाखे चलाने में ।।
आता था मज़ा बारिश में,
कागज़ की कश्ती बनाने में ।
स्कूल ना जाने के लिए,
पेट दर्द का बहाना बनाने में ।।
लास्ट मिनट पर,
एग्जाम कॉपी पापा से सिग्नेचर कराने में।
छुप जाना हैं
माँ के आंचल की छाँव में।।
वो निडरता का अहसास,
पापा की बाहों में।
दादाजी के कंधे पर बैठकर,
घूमने की ख़ुशी में ।।
आओ लौट चले,
उन्ही पुरानी यादों में,
उन बचपन की ,
प्यारी प्यारी बातों में ।।

महेश कुमावत

1 Like · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Mahesh Kumawat
View all
You may also like:
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,
म्यान में ही, रहने दो, शमशीर को,
पंकज परिंदा
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
sushil sarna
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
जाति
जाति
Adha Deshwal
होली
होली
Dr Archana Gupta
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
सफरसाज
सफरसाज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मनोज कर्ण
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
गीत
गीत
Shiva Awasthi
मेरे पिताजी
मेरे पिताजी
Santosh kumar Miri
बड़ा मज़ा आता है,
बड़ा मज़ा आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
बेबसी जब थक जाती है ,
बेबसी जब थक जाती है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
" कभी नहीं साथ छोड़ेंगे "
DrLakshman Jha Parimal
नया साल
नया साल
Arvina
*रामपुर रियासत को कायम रखने का अंतिम प्रयास और रामभरोसे लाल सर्राफ का ऐतिहासिक विरोध*
*रामपुर रियासत को कायम रखने का अंतिम प्रयास और रामभरोसे लाल सर्राफ का ऐतिहासिक विरोध*
Ravi Prakash
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
समाप्त हो गई परीक्षा
समाप्त हो गई परीक्षा
Vansh Agarwal
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
4610.*पूर्णिका*
4610.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
Loading...