आओ पेड़ लगाएं
आओ पेड़ लगाएं
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आओ हम सब मिलकर पेड़ लगाएं,
बंजर धरती को फिर से लहराएं।
पेड़ों को सब मिलकर लगाएं,
जिससे धरा होगी हरी भरी,
जो मन को बहुत ही भाए।
हमको पेड़ों से मिलते फल, फूल,अनाज।
जिससे सबको फल मिलते आज।
पेड़ों को मत काटो पीड़ा इनको भी होती।
डालियां भी दर्दों से है रोती।
हे! मानुष पेड़ बिलख कर कहता है,
हमको जख्म मत दो,
दर्द हमें भी होता है।
हमको तुम बच्चों सा पालो,
और बड़ा करो।
हममें भी होती जान है,
हमको भी सब प्यार करो।
पेड़ लगाओ और वृक्षारोपण
करो,
धरा को अपनी पल्लवित करो।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,