* आओ ध्यान करें *
** गीतिका *
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दशरथ नंदन राम का, आओ ध्यान करें।
भावपूर्ण शुभ भक्ति का, हम रसपान करें।
हर्षित होकर देखते, प्रभु निज धाम स्वयं।
दिव्य रूप छवि भव्य है, सब रसपान करें।
जन मन के आराध्य प्रभु, आए अवधपुरी।
स्वागतार्थ उनके सभी, हम प्रस्थान करें।
दर्शनीय मनहर अति, भव्य बना मंदिर।
हितकारी प्रभु राम का, सब गुणगान करें।
रग रग में हो राष्ट्र हित, मन में भाव भरा।
बहुत यही शुभ काम है, अर्पण दान करें।
धन्य बनाएं जिन्दगी, नित्य करें अर्चन।
सच्चा साथी कौन है, हम पहचान करें।
सत्य सनातन भावना, सेवा भाव भरा।
चिरंतन अपनी संस्कृति, सब सम्मान करें।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हि.प्र.)