आओ थोडा प्यार कर लें
आओ थोडा प्यार कर लें
चूम लें तुम्हे
आंसुओं से धुली आँखों की
पाक नज़रों में बसी उदासी को
विरह में जलते ह्रदय से उठती भाप
से सूखे पपडाए होंठो को
चूम ले तुम्हारे तपते माथे को
आओ रख दें होंठ अपने
जलते तुम्हारे बदन पे
ख़त्म कर दें खुद को
तुम्हारी तपिश मिटाने में
आओ ना…..!
सुनील पुष्करणा