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21 Dec 2016 · 1 min read

आओ तो सही…

नज़रमें तुम्हें बसा लेंगे यूॅ आओ तो सही,
दिल के कमरे में हमें छूपाओ तो सही।

छा रही है चुपकी सी इन हवाओ में कहीं,
बात प्यारी सी कभी आकर सुनाओ तो सही।

वो पल कहीं रुक से ही तो गये है राहमें,
आप पलको में छूॅपाकर फिर लाओ तो सही।

आसमाँ पर तूटकर भी मिलते तारे कहीं,
बिखरी सी ये किस्मते आजमाओ तो सही।

जी रहे है आपकी यादें संभाले दिलमें,
और ये बातें तुम समज जाओ तो सही।

-मनिषा जोबन देसाई

-मनिषा जोबन देसाई

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