*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)
_________________________
1)
भूल चुके अपने अतीत को, पता कहॉं इतिहास है
जो खोजेगा उसे मिलेगा, मन में जिसके प्यास है
2)
हमें बनाने को गुलाम जो, आए थे हमलावर
इतिहासों की पुस्तक अब भी, दिखती उनकी दास है
3)
आक्रांता के राज्यारोहण, वर्षगॉंठ के उत्सव
पता चल रहा इससे कितना, स्वाभिमान का ह्रास है
4)
कटा दिए सिर मातृभूमि पर, जिन अप्रतिम वीरों ने
प्रबल प्रेरणा देशभक्ति की, केवल उनके पास है
5)
आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को
आजादी का जिनके कारण, आज हर्ष-उल्लास है
—————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451