Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2023 · 1 min read

*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*

आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)
_________________________
1)
भूल चुके अपने अतीत को, पता कहॉं इतिहास है
जो खोजेगा उसे मिलेगा, मन में जिसके प्यास है
2)
हमें बनाने को गुलाम जो, आए थे हमलावर
इतिहासों की पुस्तक अब भी, दिखती उनकी दास है
3)
आक्रांता के राज्यारोहण, वर्षगॉंठ के उत्सव
पता चल रहा इससे कितना, स्वाभिमान का ह्रास है
4)
कटा दिए सिर मातृभूमि पर, जिन अप्रतिम वीरों ने
प्रबल प्रेरणा देशभक्ति की, केवल उनके पास है
5)
आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को
आजादी का जिनके कारण, आज हर्ष-उल्लास है
—————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

718 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

कितनी निर्भया और ?
कितनी निर्भया और ?
SURYA PRAKASH SHARMA
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
कच्ची दीवारें
कच्ची दीवारें
Namita Gupta
श्रेष्ठ भावना
श्रेष्ठ भावना
Raju Gajbhiye
अपने विरुद्ध संघर्ष
अपने विरुद्ध संघर्ष
Rahul Singh
If you don’t give your mind a problem to solve, it will crea
If you don’t give your mind a problem to solve, it will crea
पूर्वार्थ
पाँच चौपाईयाँ
पाँच चौपाईयाँ
अरविन्द व्यास
स्नेह
स्नेह
Shashi Mahajan
*साप्ताहिक अखबार (कुंडलिया)*
*साप्ताहिक अखबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
रोला छंद. . . .
रोला छंद. . . .
sushil sarna
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
Dr fauzia Naseem shad
नववर्ष नवशुभकामनाएं
नववर्ष नवशुभकामनाएं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
माई
माई
Shekhar Chandra Mitra
सर्वोत्तम उपाय
सर्वोत्तम उपाय
Dr. Bharati Varma Bourai
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
समय को पकड़ो मत,
समय को पकड़ो मत,
Vandna Thakur
* सताना नहीं *
* सताना नहीं *
surenderpal vaidya
4008.💐 *पूर्णिका* 💐
4008.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
पिता की व्यथा
पिता की व्यथा
Chitra Bisht
ये कैसी आजादी है?
ये कैसी आजादी है?
जय लगन कुमार हैप्पी
****रघुवीर आयेंगे****
****रघुवीर आयेंगे****
Kavita Chouhan
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
बदलता बचपन
बदलता बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
Harinarayan Tanha
"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"
Dr. Kishan tandon kranti
बेटी
बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...