आओ एक बार फिर रावन जलाए
अन्याय और भ्रष्टाचार पैर जमा रहा
अधर्म आतंकवाद का है अँधेरा छा रहा
हो रही है विरोधी ताकतें प्रबल
जिनके आगे भगवान भी दुर्बल
आओ एक बार फिर हो जागरण
असत्य पर सत्य को दे आमन्त्रण
एक बार फिर बुराई को हराए
धर्म और सत्य को हम जिताए
गंदगी , शोषण महंगाई का रावण
आतंकवाद , बेरोजगारी दशानन
कद अपना किये हुए ऊँचा
दिन प्रतिदिन हो रहा ऊँचा
देश कहाँ है गर्त में जा रहा
न संभलने में जो है आ रहा
फिर से सुनहरा भविष्य बनाए
धर्म और सत्य को हम जिताए
हर बार जलाते बुराई का रावन
फिर भी जल न पाया है रावन
विराट स्वरूप है अधर्म का
समझ न पाये हम मर्म जिसका
अशिक्षा है उत्तरदायी इसकी
शिक्षा ही है सच्चाई जिसकी
आओ मिल कर जग को पढ़ाए
धर्म और सत्य को हम जिताए
दस प्रकार के पाप को हरता
काम , क्रोध , लोभ , मोह ,मद
मत्सर , आलस्य , हिंसा चोरी
अहंकार को नष्ट है जो करता
शक्ति साधना के बाद दसवें दिन
असत्य पर है सत्य जीतता
आओ एक बार फिर रावन जलाए
धर्म और सत्य को हम जिताए