Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2021 · 1 min read

आओ अपना नववर्ष मनाए

आओ अपना नववर्ष मनाएं
*********************
आओ हम सब मिलकर अपना नववर्ष मनाएं।
घर घर हम सब मिलकर नई बंदनवार लगाए।

करे संचारित नई उमंग घर घर सब हम,
फहराए धर्म पताका अपने घर घर हम।
करे बहिष्कार पाश्चातय सभ्यता का हम,
अपनी सभ्यता को आज से अपनाए हम।
आओ सब मिलकर नववर्ष का दीप जलाए
आओ हम सब मिलकर अपना नववर्ष मनाए,
घर घर हम सब मिलकर नई बंदनवार लगाए।।

क्या कारण है हम अपना नववर्ष नहीं मनाते है,
केवल पाश्चातय सभ्यता का हम नववर्ष मनाते है।
रंग जाते है नई सभ्यता मे भूल गए अपने को।
रहे गुलाम अंग्रेजो के भूल गए अपने सपनों को।
आओ सब मिलकर इस सभ्यता की होली जलाए,
करे बहिष्कार इन सबका अपना नववर्ष मनाए।
आओ घर घर नववर्ष का हम सब दीप जलाएं।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

- स्मृति -
- स्मृति -
bharat gehlot
-Relationships require effort.
-Relationships require effort.
पूर्वार्थ
इल्म़
इल्म़
Shyam Sundar Subramanian
अंकित
अंकित
अंकित आजाद गुप्ता
सत्यपथ
सत्यपथ
डॉ. शिव लहरी
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
थैंक यू टीचर हमको पढ़ाने के लिए,
थैंक यू टीचर हमको पढ़ाने के लिए,
Jyoti Roshni
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
Sunil Maheshwari
अपना बन जायेगा
अपना बन जायेगा
Ghanshyam Poddar
🙅पता लगाओ🙅
🙅पता लगाओ🙅
*प्रणय*
तुझसे मिलने के बाद
तुझसे मिलने के बाद
Sakhi
करवा चौथ
करवा चौथ
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
4355.*पूर्णिका*
4355.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
रिळमिळ रहणौ
रिळमिळ रहणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कविता-सुनहरी सुबह
कविता-सुनहरी सुबह
Nitesh Shah
हम बैठे हैं
हम बैठे हैं
हिमांशु Kulshrestha
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नाचणिया स नाच रया, नचावै नटवर नाथ ।
नाचणिया स नाच रया, नचावै नटवर नाथ ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
थियोसॉफिकल सोसायटी की एक अत्यंत सुंदर *यूनिवर्सल प्रेयर* है जो उसके सभी कार्यक्र
थियोसॉफिकल सोसायटी की एक अत्यंत सुंदर *यूनिवर्सल प्रेयर* है जो उसके सभी कार्यक्र
Ravi Prakash
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
Shailendra Aseem
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...