आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
गज़ल
221/2121/1221/212
आए हैं फिर चुनाव कहो राम राम जी।
जनता भी ताव में है जपो राम राम जी।1
सस्ती हरेक चीज के वादे हवा हुए,
कुछ है नहीं जवाब चलो राम राम जी।2
सूरज व चांद आपकी मुट्ठी में बंद हैं,
लाओ वही से वोट सुनो राम राम जी।3
आपस में फूट डाल के कब तक लड़ाओगे,
अब जाओ सुब्हो शाम भजो राम राम जी।4
हमने जिताया आपको तो तुमने क्या किया,
अब हारने का दर्द सहो राम राम जी।5
हमको लड़ा के मार दिया जब भी मन किया,
जैसा किया है वैसा भरो राम राम जी।6
प्रेमी की तर्ह प्यार करो आम जन को तुम,
धीरे से दिल में उनके बसो राम राम जी।7
………..✍️ सत्य कुमार प्रेमी