*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)
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आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग
रावण लो मारा गया, सारे कुनबे संग
सारे कुनबे संग, राम निर्लोभी पाए
कहा न मुझको रत्न, स्वर्ण लंका के भाए
कहते रवि कविराय, सभी ने दीप जलाए
चौदह वर्षों बाद, अयोध्या जब प्रभु आए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615451