Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2022 · 1 min read

आए आए अवध में राम

आए आए अवध में राम –

आये आये अवध में राम घर घर लगे तोरण द्वार आए आए अवध में राम।।

सखी सहेलियां गाये मंगल गान आये आये अवध में राम।।

चौदह वर्ष कैसे बिताए दुःख कष्ट गले लगाए सिया सुकुमारी प्राण आये आये अवध में राम।।

जन जन छवि निहारे विस्मृत देख नल नील अंगद हनुमान आये आये अवध में राम ।।

कुल्ल भिल्ल को गले लगाए सबके क्लेश हरते आये बानर रीझ निहाल आये आये अवध में राम।।

नंदीग्राम पग प्रथम भाई भरत के हरत संताप आये आये अवध में राम।।

जन जन मन मंदिर कनक भवन समान आये आये अवध में राम।।

पूछे एक दूजे से नर नारी क्यो हुई सिया की अग्नि परीक्षा जग जननी माईया सीता अम्बर आकाश आये आये अवध में राम।।

राम लखन सिया देख जन हर्षाये जन्म कर्म फल सब पाए देवो करत पुष्प वर्षा जगत कल्याण विश्वासः आये आये अवध में राम।।

बाजे दुंदभी शंख घण्टा और घड़ियाल जन जन देखत राजा राम रामराज्य सत्कार आये अवध में राम।।

घर घर दर दर दीप जले है अवध पूरी स्वर्ग सुंदर है दीपोत्सव पावन उत्सव जन युग अभिमान आए आए अवध में राम।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।

Language: Hindi
3 Likes · 156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
गॉधी शरणम् गच्छामि
गॉधी शरणम् गच्छामि
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
#बस_भी_करो_बादलों!
#बस_भी_करो_बादलों!
*प्रणय*
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
Ravi Prakash
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
मंजिलें
मंजिलें
Santosh Shrivastava
योग प्राणायाम
योग प्राणायाम
surenderpal vaidya
*इस बरस*
*इस बरस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
Neeraj Agarwal
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
Shweta Soni
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
3699.💐 *पूर्णिका* 💐
3699.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अंगुलिया
अंगुलिया
Sandeep Pande
हमारे हाथ से एक सबक:
हमारे हाथ से एक सबक:
पूर्वार्थ
हम खुद से प्यार करते हैं
हम खुद से प्यार करते हैं
ruby kumari
याद में
याद में
sushil sarna
पीपल बाबा बूड़ा बरगद
पीपल बाबा बूड़ा बरगद
Dr.Pratibha Prakash
"रंगमंच पर"
Dr. Kishan tandon kranti
लोग कहते रहे
लोग कहते रहे
VINOD CHAUHAN
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
Bodhisatva kastooriya
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
gurudeenverma198
सुख दुख
सुख दुख
Sûrëkhâ
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
Ranjeet kumar patre
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...